"भारतीय संस्कृति में धरती, गौ और जननी को मां का स्थान दिया गया है।भारतवर्ष सदैव से कृषि और कृषि प्रधान राष्ट्र रहा है, इस राष्ट्र की आर्थिक संरचना का केंद्र बिंदु गौ आधारित रहा है। हमारे मंत्र दृष्टा ऋषि ने गोमाता के महत्व को समझते हुए प्रत्येक मनुष्य के लिए गोपालन और गोसंरक्षण का सूत्र दिया है।गो आधारित आर्थिक संरचना के बल पर यह भारत भूमि शस्य- श्यामला और धन-धान्य से परिपूर्ण रही ऐसी गौ आधारित आर्थिक संरचना के बल पर यह भारत राष्ट्र सोने की चिड़िया कहलाता था।मेरे परम आदरणीय गुरु जी की कृपा से मुझे यह बात समझ में आ गई कि,""जैसी गोमाता की स्थिति होती है वैसी हम सबकी एवं समग्र विश्व की परिस्थिति निर्माण होती है""।"